चल उड़ जा रे पंछी- जितेन्द्र भाटिया
चल उड़ जा रे पंछी फोटो और लेख - जितेंद्र भाटिया गर्मियों के दिन फिर आ गए हैं! क्या तुमने ध्यान दिया है कि सर्दियों में अक्सर दिखने वाले कुछ परिचित पक्षी गर्मियों के आते ही न जाने कहाँ गुम हो जाते हैं. पूंछ थिरकने वाला ‘थिरथिरा’, तालाब के सुदूर कोनों में तैरती छोटी मुर्गाबियाँ और हवा में ऊंचे उड़ते उकाब, ये सब हमारे मैदानी इलाकों में सिर्फ सर्दियों में ही दिखाई देते हैं. अब तो तुम जान गए हो कि पक्षियों के जीवन में दो सबसे ज़रूरी क्रियाएँ हैं—भोजन, और प्रजनन! इन्हीं दोनों के लिए पक्षी उड़कर लम्बी यात्राएँ करते हैं. कुछ लोग गर्मियों के महीनों में छुट्टियाँ मनाने पहाड़ों में चले जाते हैं न? कुछ इसी तरह कई पक्षी गर्मियों में उत्तर का रुख करते हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि पक्षियों की ये यात्राएँ छुट्टी के लिए नहीं, बल्कि भोजन और प्रजनन की जिम्मेदारियां निभाने के लिए होती हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि दुनिया में पक्षियों की नौ हज़ार से अधिक प्रजातियों में से लगभग 40 प्रतिशत हर साल एक जगह से दूसरी जगह का प्रवास या प्रव्रजन ( migration) करती हैं. पक्षियों की ये यात्राएँ कई ...