गोल्ड मेडल न जीत पाने पर मांगी देश से माफ़ी
सुकेतू मेहता ने बम्बई शहर पर लिखी अपनी पुस्तक मैक्सिमम सिटी में अपने देश को "नहीं का देश" कहा हैं क्योकि यहाँ पर हर नई कोशिश के लिए शुरू में नकार का भाव ज्यादा होता हैं | मैरी कॉम के सामने इस पदक को लाने से पहले कई बाधाएँ थी | उस से कहा गया कि बॉक्सिंग महिलाओं का खेल नहीं हैं | उसने अपने खेल से इसे झूठा साबित कर दिया | फिर उससे कहा गया कि शादीशुदा महिलाएं बॉक्सिंग में कभी आगे नहीं बढ सकती | लेकिन उसका हौसला कम नहीं हुआ | शायद मैरी कॉम इसी नहीं वाले देश की ख्याति को बदलने का बीड़ा उठा चली थी क्योकि अपने देश को "हाँ, हम कर सकते हैं" वाले देश में जो बदलना था और जानने के लिए पढ़े सितम्बर माह की चकमक |